Edible Oil Price : खाद्य तेल हुआ सस्ता…! देखें आज की नई दरें
![Edible Oil Price](https://dbtbharat.com/wp-content/uploads/2023/12/Edible-Oil-Price-780x470.jpg)
Edible Oil Market Price 2024:- बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं को जरूरी राहत मिली है। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, रिफाइंड सूरजमुखी तेल की कीमत में 29%, रिफाइंड सोयाबीन तेल की 19% और रिफाइंड पाम तेल की कीमत 25% कम हो गई है।
आज के खाद्य तेल के रेट देखने के लिए आप…
उन्होंने जोर देकर कहा कि केंद्र सरकार के अलावा, वह हमेशा घरेलू खाद्य तेल की कीमतों पर नज़र रखती है। लोकसभा में राज्य मंत्री साध्वी निरंजन की लिखित प्रतिक्रिया आई। जानकारी उपलब्ध करायी गयी है. सरकारें कम खुदरा कीमतों का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए कड़ी मेहनत करती हैं।
Edible Oil Price 2024
इसके अलावा, सरकार अन्य जगहों पर कीमतों में कटौती करते हुए घरेलू कीमतों को ठीक करने के लिए यूनियनों और उद्योग जगत के नेताओं के साथ बातचीत कर रही है। विशेष रूप से, यह दर्शाता है कि सरकार ने हाल ही में घरेलू खर्च को कम करने के लिए आयात करों में कमी की है, जिसके परिणामस्वरूप यह लाभ हुआ है। प्रतिशत गिर गया है। यही जानकारी राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने भी लोकसभा में दी। Edible Oil Price
किसान ऋण माफी योजना लाभार्थी सूची की जांच
सस्ते में ही बेचा जा रहा है आयातित तेल
इस निरंतर घाटे के सौदों के बीच आयातकों की आर्थिक दशा बिगड़ चुकी है. उनके पास इतना भी पैसा नहीं बचा कि वह आयातित खाद्यतेलों का स्टॉक जमा रख सकें और लाभ मिलने पर अपने स्टॉक को खपाएं। बैंकों में अपने एलसी को चलाते रहने की मजबूरी की वजह से आयातित तेल सस्ते में ही बंदरगाहों पर बेचा जा रहा है। बाजार सूत्रों ने पीटीआई को कहा कि इसके अलावा सरसों, सोयाबीन, कपास और मूंगफली जैसे तिलहनों की मंडियों में आवक कम हो रही है।
मंडियों में तो सरसों, मूंगफली और सूरजमुखी तो एमएसपी से भी कम दाम पर बिक रहे हैं। माल होने के बावजूद पेराई का काम बेपड़ता होने यानी पेराई के बाद बेचने में नुकसान होने के कारण लगभग 60-70 प्रतिशत तेल पेराई की छोटी मिलें बंद हो चुकी हैं। बंदरगाहों पर भी साफ्ट तेलों का स्टॉक कम है और पाइपलाईन खाली है। दिसंबर में काफी संख्या में शादियों और जाड़े की मांग होगी। साफ्ट ऑयल का आयात भी घट रहा है। ऐसे में आने वाली मांग को पूरा करना एक गंभीर चुनौती बन सकता हे।