UPI New Rules August 2025: GPay, PhonePe, Paytm यूजर्स के लिए अगस्त से बदल रहे नियम

📢 UPI New Rules August 2025: GPay, PhonePe, Paytm यूजर्स के लिए अगस्त से बदल रहे नियम
भारत में डिजिटल पेमेंट का सबसे आसान और लोकप्रिय तरीका UPI (Unified Payments Interface) है। रोज़ाना करोड़ों लोग Google Pay, PhonePe, Paytm जैसे ऐप का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन अगस्त 2025 से NPCI (National Payments Corporation of India) ने कुछ नए नियम लागू कर दिए हैं, जिनका असर सीधे आपके रोज़ाना के लेन-देन पर पड़ेगा।
आइए जानते हैं, अगस्त 2025 से UPI में क्या-क्या बदल रहा है और यह आपके लिए क्यों जरूरी है।
1️⃣ बैलेंस चेक करने की लिमिट
अब किसी भी UPI ऐप से एक दिन में अधिकतम 50 बार ही बैंक बैलेंस चेक किया जा सकेगा।
📌 इसका मतलब — बार-बार बैलेंस चेक करने की आदत पर ब्रेक लगाना होगा। हर सफल ट्रांजेक्शन के बाद बैलेंस अपने आप दिख जाएगा, जिससे लिमिट पार नहीं होगी।
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2️⃣ बैंक अकाउंट लिस्टिंग पर सीमा
अब एक दिन में अधिकतम 25 बार ही UPI ऐप पर लिंक्ड बैंक अकाउंट की लिस्ट देख पाएंगे।
📌 इससे सर्वर पर लोड कम होगा और ट्रांजेक्शन स्पीड बेहतर रहेगी।
3️⃣ ऑटोपे का नया टाइम स्लॉट
EMI, सब्सक्रिप्शन, म्यूचुअल फंड SIP जैसे ऑटोपे लेन-देन अब केवल नॉन-पीक घंटों में ही प्रोसेस होंगे:
- सुबह 10:00 बजे से पहले
- दोपहर 1:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक
- रात 9:30 बजे के बाद
📌 इससे भीड़भाड़ वाले समय में नेटवर्क फेलियर और पेंडिंग ट्रांजेक्शन कम होंगे।
4️⃣ पेंडिंग ट्रांजेक्शन स्टेटस चेक लिमिट
अगर आपका ट्रांजेक्शन पेंडिंग हो गया है तो सिर्फ 3 बार ही उसका स्टेटस चेक कर सकेंगे, और हर चेक के बीच 90 सेकंड का गैप होना जरूरी है।
5️⃣ रिसीवर का नाम और डिटेल पहले दिखेगा
अब पैसे भेजने से पहले आपको रिसीवर का रजिस्टर्ड नाम और ट्रांजेक्शन ID दिखाई देगी, ताकि गलत अकाउंट में पैसे भेजने की संभावना कम हो।
6️⃣ निष्क्रिय UPI ID ऑटो-डिएक्टिवेशन
अगर आपका UPI ID 12 महीने से ज्यादा समय तक निष्क्रिय रहा, तो वह अपने आप बंद हो जाएगा। इससे नंबर के री-असाइन होने पर फ्रॉड के खतरे कम होंगे।
7️⃣ नियम तोड़ने पर बैंक/ऐप पर सख्त कार्रवाई
अगर कोई बैंक या पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर इन नियमों का पालन नहीं करता, तो NPCI उनकी API एक्सेस बंद कर सकता है, जुर्माना लगा सकता है या नए कस्टमर ऑनबोर्डिंग रोक सकता है।
📊 बदलाव का असर आपके ऊपर
नया नियम | फायदा |
---|---|
बैलेंस चेक लिमिट | सर्वर लोड कम, स्पीड बेहतर |
अकाउंट लिस्टिंग लिमिट | तेज़ और सुरक्षित ट्रांजेक्शन |
ऑटोपे स्लॉट | पेंडिंग ट्रांजेक्शन कम |
पेंडिंग स्टेटस लिमिट | सिस्टम पर दबाव कम |
रिसीवर डिटेल | फ्रॉड से सुरक्षा |
UPI ID ऑटो-डिएक्टिवेशन | नंबर री-असाइन फ्रॉड रोकथाम |
💡 निष्कर्ष
अगस्त 2025 से लागू ये UPI नियम आपके डिजिटल पेमेंट को ज़्यादा सुरक्षित, तेज़ और स्थिर बनाएंगे। अगर आप GPay, PhonePe या Paytm यूज़ करते हैं, तो इन लिमिट्स और बदलावों को ध्यान में रखकर अपने लेन-देन की योजना बनाएं।