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Good News Outsource Employee :- खुशखबरी, सीएम योगी ने आउटसोर्स कर्मचारियों को न्यूनतम ₹20,000 मासिक मानदेय देने का किया ऐलान

Good News Outsource Employee 2025 :-खुशखबरी, सीएम योगी ने आउटसोर्स कर्मचारियों को न्यूनतम ₹20,000 मासिक मानदेय देने का किया ऐलान

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Good News Outsource Employee :- खुशखबरी, सीएम योगी ने आउटसोर्स कर्मचारियों को न्यूनतम ₹20,000 मासिक मानदेय देने का किया ऐलान उत्तर प्रदेश सरकार ने लंबे समय से उत्पीड़न झेल रहे आउटसोर्स कर्मचारियों को राहत देने के लिए बड़ा फैसला लिया है। मंजूरी मिलने का इंतजार है, जिसके बाद यह निगम विधिवत रूप से अपनी गतिविधियां शुरू कर देगा।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है, जिससे लाखों संविदा कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलेगा। Outsourcing Employees 2025

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📢 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणा: न्यूनतम ₹20,000 मासिक मानदेय

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की है कि राज्य सरकार आउटसोर्स कर्मचारियों को न्यूनतम ₹20,000 मासिक मानदेय देगी। यह निर्णय कर्मचारियों के आर्थिक सुरक्षा और सम्मानजनक जीवन स्तर को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है।

🏢 आउटसोर्स कर्मचारी निगम (UPOSC) का गठन

सरकार ने “उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम” (UPOSC) के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह निगम आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती, वेतन भुगतान और अन्य सेवाओं का प्रबंधन करेगा, जिससे निजी एजेंसियों के माध्यम से होने वाले शोषण को समाप्त किया जा सकेगा।

🛡️ अन्य प्रमुख लाभ

  • स्वास्थ्य बीमा: आउटसोर्स कर्मचारियों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत ₹5 लाख तक का स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान किया जाएगा।
  • सामाजिक सुरक्षा: कर्मचारियों को ईपीएफ (EPF) और ईएसआई (ESI) जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ मिलेगा।
  • मातृत्व अवकाश: महिला कर्मचारियों को 180 दिनों तक का सवेतन मातृत्व अवकाश प्रदान किया जाएगा।
  • प्रत्यक्ष वेतन भुगतान: वेतन का भुगतान सीधे कर्मचारियों के बैंक खातों में किया जाएगा, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त होगी।

🔜 आगे की प्रक्रिया

वर्तमान में, आउटसोर्स कर्मचारी निगम के गठन का प्रस्ताव मंत्रिपरिषद की मंजूरी की प्रतीक्षा में है। मंजूरी मिलने के बाद, यह निगम विधिवत कार्य करना शुरू कर देगा, जिससे आउटसोर्स कर्मचारियों को उनके अधिकारों की सुरक्षा और बेहतर कार्य परिस्थितियाँ सुनिश्चित की जा सकेंगी।

पहले जानें आउटसोर्सिंग कार्मिक निगम की आवश्यकता क्यों

आउटसोर्सिंग कार्मिक निगम” की आवश्यकता इसलिए महसूस की गई क्योंकि सरकार और विभिन्न विभागों को कार्यभार कम करने और संचालन में पारदर्शिता लाने के लिए एक ऐसे तंत्र की जरूरत थी जो निम्नलिखित आवश्यकताओं को पूरा करे:

🔎 1. ठेकेदारी पद्धति में पारदर्शिता की कमी थी

  • पहले आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती निजी ठेकेदारों के माध्यम से होती थी।
  • इसमें भ्रष्टाचार, असमान वेतन, और शोषण जैसे गंभीर मुद्दे सामने आते थे।
  • कर्मचारी समय पर वेतन नहीं पाते थे, और कोई सामाजिक सुरक्षा भी नहीं होती थी।

⚖️ 2. श्रमिक अधिकारों की रक्षा नहीं हो रही थी

  • अनुबंध पर रखे गए कर्मचारियों को ESIC, PF, अन्य भत्तों का लाभ नहीं मिलता था।
  • कई बार काम करने के बाद भी ठेकेदार वेतन काट लेते थे।

🏛️ 3. सरकारी विभागों में काम की अधिकता और कर्मचारियों की कमी

  • कई विभागों में स्थायी पद रिक्त होते हैं, लेकिन काम चालू रहता है।
  • इन पदों पर आउटसोर्सिंग के जरिए अस्थायी नियुक्ति करना आवश्यक हो गया था।

📋 4. आउटसोर्स कर्मियों का डेटा और मॉनिटरिंग आवश्यक थी

  • सरकार को यह पता नहीं होता था कि कौन, कहां, किस वेतन पर, कितने समय से काम कर रहा है।
  • एक केंद्रीकृत पोर्टल की आवश्यकता थी जहाँ से आउटसोर्स कर्मियों का डेटा और अनुशासन नियंत्रित किया जा सके।

💼 5. युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना

  • इस निगम के जरिए बेरोजगार युवाओं को विभिन्न विभागों में अस्थायी रोजगार मिलने लगा।
  • ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया, पारदर्शी चयन, और डिजिटल वेतन भुगतान जैसे फायदे मिले।

निष्कर्ष:

“आउटसोर्सिंग कार्मिक निगम” की स्थापना से सरकारी विभागों को योग्य अस्थायी कर्मचारी आसानी से मिलते हैं, और कर्मचारियों को भी अपने अधिकारों की सुरक्षा मिलती है। यह व्यवस्था सरकार, विभाग और कर्मचारियों – सभी के लिए लाभदायक सिद्ध हुई है।

Avinash

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