फल फसल बीमा योजना आवेदन शुरू | Falpik vima RWBCIS insurance

फल फसल बीमा योजना: ( falpik vima ) Restructured weather based crop insurance scheme maharashtra 2025
insurance कृषि उत्पादन की वृद्धि दर में फलों की फसलों की प्रमुख भूमिका होती है। फलों की फसलों का बाजार मूल्य अधिक होने के कारण किसानों को इनसे अच्छी आय होती है। हालांकि, अगर फलों की फसलों से अपेक्षित उपज नहीं मिलती है, तो नुकसान भी बहुत होता है। fasal bima yojana 2025
इसे ध्यान में रखते हुए, किसानों की फल फसलों को मौसम संबंधी खतरों के खिलाफ बीमा कवर प्रदान करने से उन्हें अपनी वित्तीय स्थिति को बनाए रखने में मदद मिलेगी। इसके लिए, राज्य में फल फसल बीमा योजना (फल फसल बीमा योजना) को प्राथमिकता के साथ लागू किया जा रहा है।
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मौसम संबंधी विभिन्न जोखिम फलों की फसलों की उत्पादकता को प्रभावित करते हैं, जिससे उत्पादन में भारी कमी आती है। वैकल्पिक रूप से, किसानों को अपेक्षित उपज न मिलने के कारण वित्तीय संकट का सामना करना पड़ता है। इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए, फलों की फसल के नुकसान के लिए किसानों को मुआवजा प्रदान करने के समाधान के रूप में पुनर्गठित मौसम आधारित फल फसल बीमा योजना (RWBCIS) को लागू किया जा रहा है।
देखें फल पिक विमा के लिए आवेदन कैसे करें 👇
संशोधित जलवायु आधारित फल फसल बीमा योजना में राजस्व मंडल घटक सहित संतरा, नींबू, काजू, अनार, आम, केला, अंगूर, स्ट्रॉबेरी, पपीता फलों के लिए अंबिया बहार (अंबीय बहार फल पिक विमा) लागू किया गया है। इसके लिए वर्ष 2025 में फसल बीमा कंपनियों और आवेदन की तिथि भी घोषित कर दी गई है। इस बीमा द्वारा कवर की जाने वाली राशि और इसमें भाग लेने की अंतिम तिथि तय कर दी गई है।
अंतिम तिथि इस प्रकार है
किसानों को फसल बीमा योजना मृग बहार 2025 में भाग लेने के लिए एनसीआईपी पोर्टल शुरू किया गया है। प्रत्येक फल के लिए इसमें भाग लेने की अंतिम तिथि इस प्रकार है।
- नींबू, अंगूर, अमरूद, संतरा:- 14 जून
- मोटुल, चीकू 30 जून,
- अनार 14 जुलाई,
- खीरे का बीमा 31 जुलाई तक कराया जा सकता है।
राज्य स्तरीय फसल बीमा समन्वय समिति द्वारा दिए गए निर्देशानुसार कृषि विभाग द्वारा क्रियान्वित फसल बीमा योजनाओं के लाभ के लिए कृषक आईडी नम्बर अनिवार्य कर दिया गया है। राज्य में क्रियान्वित पुनर्गठित मौसम आधारित फल फसल बीमा योजना आरडब्ल्यूबीसीआईएस 2025 मृग बहार के लिए किसान के पास यूनिक कृषक आईडी नम्बर होने पर ही आवेदन किया जा सकेगा। insurance
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फसल बीमा के लिए उत्पादन आयु
नींबू 3 वर्ष, संतरा 3 वर्ष, सीताफल 3 वर्ष, चीकू 5 वर्ष, नींबू 4 वर्ष, अमरूद 3 वर्ष, अनार 2 वर्ष, अंगूर 2 वर्ष, आम 5 वर्ष, काजू 5 वर्ष
फल फसल बीमा लागू करने वाली जिलावार बीमा कंपनियाँ
नीचे महाराष्ट्र में फलों सहित फसलों के लिए पुनर्रचित हवामान आधारित पिक विमा योजना (Restructured Weather-Based Crop Insurance Scheme) – जिसे आम तौर पर “फल-पिक विमा” कहा जाता है – की पूरी जानकारी दी जा रही है:
🌾 क्या है यह योजना?
⚠️ यह पहल प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत है, जो फसलों को प्राकृतिक या मौसम संबंधी जोखिमों से सुरक्षित करती है। केंद्र सरकार ने इसे 2025–26 तक बढ़ा दिया है, 69,515 करोड़ रुपये की योजना के साथ
महाराष्ट्र सरकार भी इस स्कीम के तहत फल-पीक के लिए विशेष कवरेज जारी रखती है, जिसमें मौसम आधारित नुकसान (जैसे गारपीट, अतिवृष्टि, सूखा) के लिए बीमा मिलता है ।
🍊 कौन-कौन से फलों को शामिल किया गया है?
पुनर्रचित हवामान आधारित फल-पीक विमा योजना के तहत निम्नलिखित फलों को कवर किया गया है :
- संत्रा
- केळी
- मोसंबी
- पेरु, डाळिंब, आंबा, स्ट्रॉबेरी, काजू (अधिसूचित ज़िलों में)
फसल आयु मानदंड भी निर्धारित किए गए हैं (उदाहरण: केळी – ≥3 वर्ष दिशा; आंबा – ≥5 वर्ष)
🛡️ कितनी कवरेज और प्रीमियम दर?
- संत्रा – ₹26,667 प्रति हेक्टेयर, प्रीमियम ₹1,333
- केळी – ₹46,667, प्रीमियम ₹2,333
- मोसंबी – ₹26,667, प्रीमियम ₹1,333
- डाळिंब – ₹43,333, प्रीमियम ₹2,167
- कवरेज मौसम आधारित जोखिमों पर होता है जैसे कम/अत्यधिक वर्षा, उच्च तापमान, गारपीट, आदि ।
📝 आवेदन प्रक्रिया – स्टेप-बाय-स्टेप
1. पात्रता (Eligibility)
- अधिसूचित ज़िले और अधिसूचित फसल
- खेती कम से कम 20 हेक्टेयर तक (कुछ प्रावधानों में)
- कर्जदार और गैर-कर्जदार दोनों किसान आवेदन कर सकते हैं
2. डॉक्यूमेंट्स तैयार रखें
- आधार कार्ड, भूमि दस्तावेज
- कर्जदार हों तो बैंक ऋण पत्र
- फसल विवरण, प्लॉट लोकेशन
3. आवेदन कहां करें?
- PMFBY पोर्टल:
- CSCs (Common Service Centres)
- बैंक शाखाएँ
- जिल्हा कृषि कार्यालय/कृषि विभाग
4. आवेदन की अंतिम तारीखें
- खरीप हंगाम: 31 जुलाई तक बेहाल, रब्बी: 31 दिसंबर तक
- राज्य स्तर पर प्रावधान – जैसे कुछ जिलों में दिसम्बर या उससे पहले
5. निवास प्रमाण और प्रमाणीकरण
- आवेदन के बाद भूमि सत्यापन और जोखिम कंडीशन के अनुसार दावा गणना
- गेओ-टैगिंग और सैटलाइट डेटा का उपयोग डिजिटल सत्यापन के लिए
✅ महत्वपूर्ण जानकारी
- PMFBY के अंतर्गत 2024–25 खरीप हंगाम में महाराष्ट्र के 4.3 लाख+ आवेदन रिजेक्ट हुए ।
- गलत लोकेशन, सरकारी ज़मीन आदि के कारण रिजेक्शन हुए।
- सरकार ने धोखाधड़ी रोकने के लिए सख्त कारवाई शुरू की है ।
- राज्य सरकार ने एक रुपये प्रीमियम दे कर विस्तारित कवरेज स्कीम पहले चलाई थी, लेकिन अब वो बंद हुई है और केंद्र सरकार की पुनर्रचित संरचना जारी है ।
🧭 निष्कर्ष
- यह योजना किसानों को मौसम आधारित फसल जोखिमों से बचाती है, विशेष रूप से संवाद में रहे फलों के लिए
- डिजिटल प्रक्रिया और सरकारी निगरानी के साथ पारदर्शिता सुनिश्चित
- 31 जुलाई (खरीप) और 31 दिसंबर (रब्बी) तक आवेदन करें
- सुनिश्चित करें कि भूमि और फसल विवरण सही, बैंक/ CS किया गया है
📌 अगला कदम
- PMFBY की आधिकारिक वेबसाइट ➜ या नजदीकी CSC/बैंक जाएँ
- खेत और फसल की जानकारी तैयार रखें
- आवेदन करें और प्रीमियम भरें
- अपने कवर्ड एरिया/रिसीट की कॉपी सुरक्षित रखें insurance