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महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना (Mahatma Jyotiba Phule Jan Arogya Yojana – MJPJAY)।

महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना (Mahatma Jyotiba Phule Jan Arogya Yojana – MJPJAY)।

भारत में स्वास्थ्य सेवाएं एक बड़ी चुनौती रही हैं, विशेषकर निम्न आय वर्ग और गरीब तबके के लिए। इन वर्गों के लिए उपचार की उच्च लागत एक गंभीर समस्या रही है। इसी आवश्यकता को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल की जिसका नाम है – महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना (Mahatma Jyotiba Phule Jan Arogya Yojana – MJPJAY)। यह योजना राज्य के गरीब और वंचित तबकों को निःशुल्क और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई थी।

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योजना का परिचय

महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना, पहले राजीव गांधी जीवनदायी आरोग्य योजना के नाम से जानी जाती थी। इसे 2009 में महाराष्ट्र सरकार द्वारा शुरू किया गया था और वर्ष 2014 में इसका नाम बदलकर महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना रखा गया।

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इस योजना का मुख्य उद्देश्य महाराष्ट्र राज्य के बीपीएल (Below Poverty Line) और एपीएल (Above Poverty Line) श्रेणी के निर्धन नागरिकों को गंभीर बीमारियों के लिए कैशलेस इलाज उपलब्ध कराना है। यह योजना सरकार द्वारा सूचीबद्ध अस्पतालों में निःशुल्क सेवाएं प्रदान करती है।

लाभार्थी कौन हैं?

इस योजना का लाभ निम्नलिखित वर्गों को दिया जाता है:

  1. बीपीएल (गरीबी रेखा के नीचे) कार्डधारी
  2. अंत्योदय कार्डधारी
  3. अन्नपूर्णा कार्डधारी
  4. एपीएल श्रेणी के किसान, विशेष रूप से विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्र के
  5. शासन द्वारा निर्धारित अन्य पात्र श्रेणियाँ

राज्य सरकार द्वारा इन सभी लाभार्थियों को स्मार्ट कार्ड या युनिक हेल्थ आईडी जारी की जाती है जिसके माध्यम से वे सूचीबद्ध अस्पतालों में इलाज करवा सकते हैं।

योजना के अंतर्गत कवर की जाने वाली बीमारिया

इस योजना के अंतर्गत 1000 से अधिक प्रकार की बीमारियाँ और राज्य व केंद्र सरकार द्वारा सूचीबद्ध 30 से अधिक विशेषताएं शामिल हैं। इनमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित शामिल हैं:

  • हृदय रोगों का उपचार (Angioplasty, Bypass surgery आदि)
  • किडनी ट्रांसप्लांट
  • कैंसर का इलाज (Chemotherapy, Radiation, Surgery)
  • न्यूरोलॉजिकल सर्जरी
  • ऑर्थोपेडिक सर्जरी
  • नवजात शिशु देखभाल
  • गंभीर बर्न केस
  • मानसिक रोगों का इलाज

कैसे मिलता है लाभ? (प्रक्रिया)

  1. पंजीकरण: पात्र लाभार्थी को योजना के लिए पात्रता के अनुसार पंजीकरण करवाना होता है।
  2. स्मार्ट कार्ड या हेल्थ कार्ड: पंजीकरण के बाद लाभार्थी को एक हेल्थ कार्ड प्रदान किया जाता है।
  3. हॉस्पिटल चयन: लाभार्थी को सूचीबद्ध (Empanelled) सरकारी या निजी अस्पताल में जाना होता है।
  4. बीमारी की पहचान और सिफारिश: अस्पताल में आरोग्य मित्र या हेल्प डेस्क द्वारा बीमारी की पुष्टि की जाती है।
  5. कैशलेस इलाज: इलाज का खर्च अस्पताल को योजना के तहत सरकार से प्राप्त होता है, मरीज से कोई शुल्क नहीं लिया जाता।
  6. फॉलो-अप: कुछ बीमारियों के लिए इलाज के बाद फॉलोअप भी योजना के अंतर्गत होता है।

लाभ की सीमा

इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक पात्र परिवार को प्रतिवर्ष ₹1.5 लाख तक का कैशलेस इलाज उपलब्ध कराया जाता है। कुछ विशेष मामलों में यह सीमा बढ़ाकर ₹2.5 लाख तक की जा सकती है (उदाहरण: किडनी ट्रांसप्लांट, गंभीर कैंसर इत्यादि)।

सुविधाएं और विशेषताएं

  • कैशलेस सुविधा: मरीज को इलाज के लिए कोई भी पैसा नहीं देना पड़ता।
  • ऑनलाइन प्रक्रिया: सभी प्रक्रियाएं डिजिटल माध्यम से होती हैं, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है।
  • सरकारी और निजी अस्पताल शामिल: योजना में अच्छे निजी अस्पतालों को भी शामिल किया गया है, जिससे मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके।
  • आरोग्य मित्र सेवा: अस्पतालों में योजना संबंधित सहायता के लिए प्रशिक्षित “आरोग्य मित्र” तैनात होते हैं।

अब तक की उपलब्धियाँ

  • लाखों गरीब मरीजों ने इस योजना के अंतर्गत कैशलेस इलाज प्राप्त किया है।
  • कैंसर, किडनी फेलियर, हार्ट सर्जरी जैसे महंगे इलाज के लिए इस योजना ने गरीबों को संजीवनी दी है।
  • ग्रामीण इलाकों में इलाज की पहुंच और जागरूकता बढ़ी है।
  • कोविड-19 महामारी के दौरान भी इस योजना का उपयोग कई मरीजों के इलाज में किया गया।

चुनौतियाँ और सुधार की आवश्यकता

हालाँकि यह योजना बहुत सफल रही है, लेकिन कुछ चुनौतियाँ अभी भी सामने आती हैं:

  1. अस्पतालों की सीमित संख्या: सभी जिलों में पर्याप्त सूचीबद्ध अस्पताल नहीं हैं।
  2. भ्रष्टाचार की संभावना: कुछ निजी अस्पतालों में गलत बिलिंग या इलाज का फर्जीवाड़ा देखा गया है।
  3. जागरूकता की कमी: बहुत से पात्र नागरिक योजना के बारे में जानकारी न होने के कारण लाभ नहीं उठा पाते।
  4. तकनीकी समस्याएं: हेल्थ कार्ड न बन पाना या नेटवर्क संबंधी समस्याएं।

इन समस्याओं से निपटने के लिए सरकार को निरंतर मॉनिटरिंग, अस्पतालों का निरीक्षण और लाभार्थियों में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है।

निष्कर्ष

महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना महाराष्ट्र सरकार की एक अत्यंत सराहनीय और जन-कल्याणकारी योजना है। इसने हजारों जरूरतमंदों को आर्थिक रूप से सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण इलाज का अवसर दिया है। यदि इस योजना की क्रियान्वयन प्रणाली को और पारदर्शी और कुशल बनाया जाए, तो यह आने वाले वर्षों में गरीबों के लिए एक वरदान सिद्ध हो सकती है।

Avinash

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