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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 2025: किसानों को मिलेगा 75% मुआवजा, ऐसे करें आवेदन

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: किसानों को मिलेगा 75% मुआवजा

किसानों को मिलेगा 75% मुआवजा – प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY)

भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहां की अधिकांश आबादी खेती पर निर्भर करती है। लेकिन किसानों की सबसे बड़ी समस्या यह है कि प्राकृतिक आपदाओं जैसे सूखा, बाढ़, ओलावृष्टि, तूफान, अधिक वर्षा या कम वर्षा के कारण उनकी फसलें खराब हो जाती हैं। ऐसे हालात में किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। किसानों की इसी समस्या को देखते हुए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana – PMFBY) शुरू की है।

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इस योजना के तहत अगर किसान की फसल प्राकृतिक आपदा से खराब होती है, तो सरकार उन्हें 75% तक का मुआवजा देती है। इससे किसानों को राहत मिलती है और वे अपनी खेती जारी रख पाते हैं।

इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्या है, इसके फायदे, पात्रता, आवेदन प्रक्रिया और जरूरी दस्तावेज कौन-कौन से हैं।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को फसल खराब होने पर 75% तक का मुआवजा मिलेगा। जानिए आवेदन प्रक्रिया, पात्रता और जरूरी दस्तावेज।

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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्या है?

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) की शुरुआत 13 जनवरी 2016 को की गई थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान से बचाना और उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करना है।

इस योजना में किसान बहुत कम प्रीमियम भरकर अपनी फसलों का बीमा करवा सकते हैं। अगर फसल बर्बाद हो जाती है, तो किसानों को बीमा राशि का 75% तक मुआवजा दिया जाता है।

किसानों को कितना प्रीमियम भरना होगा?

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को बेहद कम प्रीमियम भरना पड़ता है। बाकी की राशि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर देती हैं।

  • खरीफ फसल के लिए: 2% प्रीमियम
  • रबी फसल के लिए: 1.5% प्रीमियम
  • बागवानी/व्यावसायिक फसल के लिए: 5% प्रीमियम

योजना के मुख्य लाभ

  1. किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से फसल खराब होने पर 75% तक मुआवजा
  2. बहुत कम प्रीमियम पर फसल बीमा सुविधा।
  3. ओलावृष्टि, बाढ़, सूखा, आग, तूफान आदि से होने वाले नुकसान पर सुरक्षा।
  4. फसल खराब होने पर सीधा बैंक खाते में मुआवजा।
  5. किसान की आय और खेती को स्थिरता मिलती है।

पात्रता (Eligibility)

  • इस योजना का लाभ सिर्फ भारतीय किसान उठा सकते हैं।
  • किसान चाहे स्वामित्वधारी हों या किरायेदार, दोनों पात्र हैं।
  • योजना का लाभ केवल उन्हीं फसलों पर मिलेगा जो केंद्र या राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित हैं।

आवश्यक दस्तावेज

  • आधार कार्ड
  • जमीन के दस्तावेज (खतौनी/खसरा नंबर)
  • बैंक खाता पासबुक
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • फसल बुवाई से संबंधित प्रमाण

आवेदन प्रक्रिया (ऑनलाइन और ऑफलाइन)

1. ऑनलाइन आवेदन

  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की आधिकारिक वेबसाइट pmfby.gov.in पर जाएं।
  • “Farmer Corner” पर क्लिक करें और Apply for Crop Insurance चुनें।
  • आधार नंबर डालकर OTP वेरिफिकेशन करें।
  • अपनी जमीन, फसल और बैंक डिटेल्स दर्ज करें।
  • प्रीमियम राशि ऑनलाइन जमा करें।
  • सफल रजिस्ट्रेशन के बाद आवेदन की रसीद डाउनलोड कर लें।

2. ऑफलाइन आवेदन

  • नजदीकी बैंक शाखा या कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाएं।
  • आवेदन फॉर्म भरकर जरूरी दस्तावेज जमा करें।
  • बैंक अधिकारी द्वारा वेरिफिकेशन के बाद आपका बीमा आवेदन पूरा होगा।

मुआवजा कैसे मिलेगा?

अगर किसान की फसल प्राकृतिक आपदा से बर्बाद हो जाती है तो संबंधित विभाग द्वारा फसल नुकसान का सर्वेक्षण किया जाता है।

  • नुकसान की रिपोर्ट तैयार की जाती है।
  • रिपोर्ट के आधार पर किसानों के खाते में सीधे मुआवजा ट्रांसफर किया जाता है।
  • किसानों को 75% तक का मुआवजा दिया जाता है।

योजना से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

  • आवेदन करते समय आधार नंबर बैंक खाते से लिंक होना जरूरी है।
  • किसान को समय पर फसल बुवाई और बीमा आवेदन करना होगा।
  • फसल नुकसान की सूचना तुरंत नजदीकी कृषि अधिकारी को देनी होगी।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए बहुत बड़ा सहारा है। अब किसानों को फसल खराब होने पर कर्ज के बोझ से दबने की जरूरत नहीं है। सरकार उन्हें 75% तक का मुआवजा देती है जिससे उनकी आर्थिक स्थिति स्थिर रहती है। यह योजना किसानों की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Avinash Kusmade

Kmedia Company में एक कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें सरकारी योजनाओं और ट्रेंडिंग न्यूज़ में विशेषज्ञता के साथ पांच साल का अनुभव है। वे पाठकों तक स्पष्ट और सटीक जानकारी पहुँचाने के लिए समर्पित हैं, जिससे जटिल सरकारी योजनाएँ आम जनता के लिए आसानी से समझ में आ सकें।

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