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बीएड कोर्स बंद: अब शिक्षक बनने के लिए करना होगा 1 साल का नया कोर्स

बीएड की जगह नया 1 साल का शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स, जानें नियम और प्रक्रिया

बीएड कोर्स बंद, अब शिक्षक बनने के लिए करना होगा 1 वर्ष का नया कोर्स

शिक्षक बनने का सपना देखने वाले युवाओं के लिए एक बड़ा बदलाव सामने आया है। अब तक शिक्षक बनने के लिए बी.एड (B.Ed) कोर्स करना अनिवार्य था, जिसकी अवधि सामान्यतः 2 वर्ष होती थी। लेकिन अब सरकार और राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (NCTE) ने नया फैसला लिया है जिसके अनुसार पारंपरिक बीएड कोर्स को बंद कर दिया जाएगा और उसकी जगह एक नया 1 वर्ष का शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स शुरू होगा।

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सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए बीएड कोर्स को बंद कर दिया है। अब शिक्षक बनने के लिए केवल 1 वर्ष का नया कोर्स करना होगा। जानिए पूरी जानकारी, पात्रता और नए नियम।

बीएड कोर्स क्यों बंद किया गया?

पिछले कई सालों से बीएड कोर्स को लेकर लगातार सवाल उठ रहे थे। इसमें शिक्षा की गुणवत्ता पर संदेह व्यक्त किया जा रहा था। कई जगहों पर बीएड डिग्री केवल औपचारिकता बनकर रह गई थी और छात्रों को शिक्षक बनने के लिए उचित प्रशिक्षण नहीं मिल पा रहा था।

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इन्हीं कारणों से अब बीएड कोर्स बंद करके उसकी जगह अधिक प्रैक्टिकल और आधुनिक तरीके से तैयार किया गया 1 वर्ष का कोर्स लाया गया है।

नया कोर्स क्या होगा?

  • नया कोर्स 1 वर्ष की अवधि का होगा।
  • इसमें कक्षा प्रबंधन, पढ़ाने की तकनीक, बच्चों की मनोविज्ञानिक समझ और आधुनिक शिक्षा पद्धति पर फोकस किया जाएगा।
  • डिजिटल शिक्षा, ई-लर्निंग और स्मार्ट क्लासरूम से जुड़े विषय इसमें शामिल होंगे।
  • इस कोर्स के बाद शिक्षकों की गुणवत्ता और प्रशिक्षण स्तर बेहतर होने की उम्मीद है।

किसे मिलेगा नए कोर्स में दाखिला?

नए कोर्स में एडमिशन के लिए कुछ प्रमुख पात्रताएँ होंगी:

  1. उम्मीदवार ने स्नातक (Graduation) या स्नातकोत्तर (Post Graduation) किया हो।
  2. न्यूनतम 50% अंक प्राप्त होना आवश्यक होगा (आरक्षित वर्ग को छूट मिल सकती है)।
  3. एडमिशन के लिए एंट्रेंस टेस्ट भी हो सकता है।

शिक्षक बनने की नई राह

पहले शिक्षक बनने के लिए स्नातक करने के बाद 2 वर्ष का बीएड कोर्स करना पड़ता था। लेकिन अब नया नियम आने के बाद केवल 1 वर्ष का यह कोर्स पूरा करके उम्मीदवार शिक्षक की नौकरी के लिए पात्र हो जाएगा। इससे समय की बचत होगी और युवाओं को जल्दी रोजगार मिल सकेगा।

छात्रों पर प्रभाव

  • जिन छात्रों ने पहले ही बीएड कर लिया है, उनकी डिग्री मान्य रहेगी।
  • जो छात्र अब बीएड करने की योजना बना रहे थे, उन्हें नए 1 वर्ष के कोर्स में दाखिला लेना होगा।
  • इससे छात्रों का समय और पैसे दोनों की बचत होगी।

शिक्षा व्यवस्था पर असर

यह बदलाव भारत की शिक्षा व्यवस्था में एक बड़ा कदम है। इससे न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षक तैयार होंगे बल्कि बच्चों को भी बेहतर शिक्षा मिलेगी। शिक्षा प्रणाली को डिजिटल युग के हिसाब से ढालने में यह कोर्स अहम भूमिका निभाएगा।

निष्कर्ष

अब शिक्षक बनने की प्रक्रिया और भी सरल हो गई है। बीएड कोर्स बंद कर दिया गया है और उसकी जगह नया 1 वर्ष का कोर्स लाया गया है। यह बदलाव शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने और युवाओं को जल्दी रोजगार उपलब्ध कराने के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा।

Avinash Kusmade

Kmedia Company में एक कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें सरकारी योजनाओं और ट्रेंडिंग न्यूज़ में विशेषज्ञता के साथ पांच साल का अनुभव है। वे पाठकों तक स्पष्ट और सटीक जानकारी पहुँचाने के लिए समर्पित हैं, जिससे जटिल सरकारी योजनाएँ आम जनता के लिए आसानी से समझ में आ सकें।

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