UP Super TET News: शिक्षक के 1 लाख 20 हजार से नीचे पद, यहां देखें पूरी जानकारी

UP Super TET News: शिक्षक के 1 लाख 20 हजार से नीचे पद, यहां देखें पूरी जानकारी
उत्तर प्रदेश में शिक्षकों द्वारा काफी समय से नई भर्ती की मांग की जा रही है और शिक्षक भर्ती का इंतजार किया जा रहा है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के लगभग 120000 पद रिक्त हैं, जिन्हें शीघ्र ही नई भर्ती के माध्यम से भरा जाना है।
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बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप शाहर के एक प्रश्न के उत्तर में विधानसभा सत्र के दौरान यह जानकारी दी गई है कि प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों के स्वीकृत 417886 पदों के सापेक्ष 79296 पद कम कर दिए गए हैं, जिसके अंतर्गत 57400 पद सीधी भर्ती तथा 21891 पद पदोन्नति हेतु स्वीकृत किए गए हैं। भर दिया जाएगा
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यदि आप भी उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत शिक्षक बनने का सपना देख रहे हैं तो यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होने वाला है क्योंकि लेख में हम आपको यूपी सुपर टेट न्यूज़ से जुड़ी ताजा जानकारी बताने जा रहे हैं जिसके बारे में आपको भी जानना जरूरी है।
UP Super TET News
उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग काफी समय से बीएड और डीएलएड अभ्यर्थियों द्वारा सहायक अध्यापक पद के लिए विज्ञापन जारी करने की मांग कर रहा है लेकिन अभ्यर्थियों द्वारा विज्ञापन जारी करने की मांग नहीं मानी जा रही है और इसका इंतजार करते-करते अभ्यर्थियों को वर्षों बीत गए हैं और न तो यूपी में उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित की गई है और न ही यूपी के प्राथमिक विद्यालयों में नए शिक्षकों की भर्ती के लिए कोई विज्ञापन जारी किया गया है।
यूपी शिक्षा मंत्री द्वारा विधानसभा सत्र के दौरान बताया गया कि प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षामित्र एवं उच्च प्राथमिक अनुदेशकों को जोड़ने के लिए छात्र शिक्षक अनुपात 22:1 एवं 29:1 चल रहा है जो कि आरटीआई के मानकों के अनुरूप है और इसी कारण अभ्यर्थी नई शिक्षक भर्ती के विज्ञापन का इंतजार कर रहे हैं और इसके लिए अभ्यर्थियों को केवल निराशा ही हाथ लग रही है।
यूपी सुपर टीईटी के बारे में जानकारी
उत्तर प्रदेश के नवगठित सुधारात्मक सेवा चयन आयोग ने यूपी शिक्षक पात्रता परीक्षा और शिक्षक विज्ञापन जारी करने के लिए कई प्रस्ताव विभाग को भेजे हैं, लेकिन किसी भी विभाग ने अभी तक संबंधित पदों का विवरण उपलब्ध नहीं कराया है और न ही सुधारात्मक सेवा चयन आयोग को कोई अध्ययन प्राप्त हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप सुधारात्मक सेवा चयन आयोग द्वारा कोई नई भर्ती जारी नहीं की गई है।
शिक्षा सेवा चयन आयोग, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष प्रोफेसर कीर्ति पाण्डेय द्वारा कहा गया है कि विभागीय प्रशासन को कई बार प्रस्ताव भेजा गया है लेकिन विज्ञापन जारी होने के सम्बन्ध में कोई सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई है, जिसके कारण नया विज्ञापन जारी नहीं हो पा रहा है तथा आयोग अभी विभागीय आदेश के अनुमोदन की प्रतीक्षा में है।
68500 पदों पर 27713 रिक्तियां
उत्तर प्रदेश राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में 68500 सहायक अध्यापकों के पद रिक्त हैं और 7 महीने बाद भी 27713 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय या लखनऊ पीठ ने विभाग को अगस्त 2024 के अंत तक 2 महीने में नए स्तर से संबंधित भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया था।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इससे संबंधित प्रक्रिया भी नवगठित उत्तर प्रदेश कारागार सेवा चयन आयोग के माध्यम से पूरी की जानी है। मूल दण्ड विभाग के अधिकारी ने इस नई प्रक्रिया के सम्बन्ध में अभी तक कोई अपील नहीं भेजी है, जिसके परिणामस्वरूप यह प्रक्रिया 7 माह से रुकी हुई है।
ज्ञात हो कि सहायक अध्यापक परीक्षा 2018 के अंतर्गत सामान्य वर्ग एवं आरक्षित वर्ग के लिए न्यूनतम अंक क्रमश: 45 एवं 40 रखने के एकलपीठ के आदेश एफ के रूप में दायर याचिकाओं को खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने 27713 रिक्त पदों को भरने के लिए 2 माह का समय दिया था और इस कट ऑफ के आधार पर 41556 अभ्यर्थियों का चयन हो सका था और इस कारण 27000 से अधिक पद रिक्त रह गए थे तथा इस मामले में अपील करने वाले अभ्यर्थियों को आयु सीमा में छूट प्रदान करने का भी आदेश दिया था।
यूपी सुपर टीईटी कुंजी आवेदन प्रक्रिया
वर्तमान में बेसिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश में 120000 पद रिक्त पड़े हैं जिसके बारे में शिक्षा मंत्री द्वारा पहले ही स्पष्ट किया जा चुका है कि छात्र शिक्षक अनुपात ठीक है जिसके परिणामस्वरूप सरकार द्वारा अभी तक कोई नया विज्ञापन नहीं निकाला गया है लेकिन 68500 में से रिक्त 27713 पदों को भरने के लिए उच्च न्यायालय का आदेश है जिस पर सरकार द्वारा बहुत जल्द निर्णय लिया जाना है।
हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यह प्रक्रिया कब तक शुरू करनी है और कब तक विज्ञापन जारी किया जा सकेगा, लेकिन हाईकोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट कर दिया है कि अगर सरकार 713 पदों के लिए विज्ञापन जारी नहीं कर पाती है तो उसे इससे संबंधित स्पष्ट कारण समाचार पत्रों में प्रकाशित कराना जरूरी होगा।